अल्मोडा- रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की अष्टम दिवस की रामलीला में रामेश्वरम प्रसंग, विभीषण का लंका से निष्कासन, अंगद-रावण संवाद, मेघनाद -लक्ष्मण संवाद, अतिकाय वध,लक्ष्मण शक्ति, सुषेन वैद्य प्रसंग,लक्ष्मण का संजीवनी बूटी के प्रभाव से मूर्छा से बाहर आना , रावण-मन्दोदरी संवाद आदि मुख्य आकर्षण रहे । देर रात्रि तक दर्शक दीर्धा में उपस्थित दर्शकों ने लीला का आनन्द लिया व कलाकारों का उत्साहवर्धन किया साथ ही देश-विदेश में लोगों ने अपने घर पर आन-लाईन लीला का आनन्द लिया ।
सर्वप्रथम अष्टम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मनोज सिंह प्रतिनिधि विभागाध्यक्ष डॉ सुशीला तिवारी इन्स्टीट्यूट अल्मोड़ा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें पुरूषोत्तम भगवान राम के जीवन चरित्र व आदर्शो से प्रेरित होकर तद्नुरूप कार्य करना चाहिये एवं कुसंगति तथा भटकाव के मार्ग में न जाकर समाज में अपनी एक आदर्श छवि स्थापित करते हुये समाज हित में कार्य करने चाहिये ।
अष्टम दिवस की लीला में राम की कलाकार रश्मि काण्डपाल, लक्ष्मण-वैभवी कनार्टक, हनुमान -अनिल रावत,रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, अंगद -दीपक कर्नाटक,मन्दोदरी-नेहा जोशी, अतिकाय-अनिल जोशी, विभीषण-राहुल जोशी, मेघनाद -अखिलेश थापा,सुषेन बैद्य-कमल जोशी,भरत-पायल काण्डपाल , मन्दोदरी -नेहा जोशी आदि ने जीवन्त अभिनय किया ।
अंगद-रावण संवाद , लक्ष्मण -मेघनाद संवाद अष्टम दिवस की रामलीला के मुख्य आकर्षण रहे । इन कलाकारों के जीवन्त अभिनय एवं संवादों ने सभी दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया ।
इस अवसर पर मुख्यतः सरस्वती कर्नाटक, बन्दना जोशी, डौली, रश्मि, ममता कर्नाटक, श्वेता कर्नाटक,भूपेश तिवारी, जय बल्लभ काण्डपाल,अजय विष्ट,लीलाधर कांडपाल,पूरन चन्द तिवारी,एम.सी.कांडपाल, रमेश चंद्र जोशी, जगदीश चन्द्र तिवारी, दयाकिशन जोशी, दिनेश मठपाल,प्रयाग जोशी,भुवन पाण्डे, बलवंत सिंह,हंसा दत्त कर्नाटक, बृजेश पाण्डे,हेम पाण्डे, देवेन्द्र कर्नाटक, कमलेश कर्नाटक, योगेश जोशी,कमल जोशी, महेश कर्नाटक, बद्री प्रसाद कर्नाटक, एन.सी.जोशी, सन्तोष जोशी,हेम जोशी,गौरव काण्डपाल,मनीष जोशी, कपिल मल्होत्रा, डॉ करन कर्नाटक, रजनीश कर्नाटक, गोकुलानंद जोशी,भुबन चन्द्र जोशी, कमलेश पाण्डे, सुरेश चंद्र जोशी,अशोक बनकोटी, देवेन्द्र नगरकोटी, वी.डी.सती आदि सहित सैकड़ों दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन भावना मल्होत्रा एवं गितांजली पाण्डे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
मेघनाद ने किया लक्ष्मण पर वीरघातिनी शक्ति का प्रयोग लक्ष्मण हुये मूर्छित
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