अल्मोड़ा-आज भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड द्वारा आपातकाल लगने के 50 वे वर्ष पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूरे प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में आपातकाल( काला दिवस) के रूप में मनाया गया।इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष और निवर्तमान जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा बागेश्वर के अध्यक्ष ललित लटवाल ने रानीखेत जिले में जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और आपातकाल के विषय पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह एक काला अध्याय है जिसमें एक शासक द्वारा अपनी सत्ता को बचाने के लिए पूरे देश को आपातकाल में झोंक दिया गया था, 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तानाशाह इसलिए बन गई थी और देश पर आपातकाल इसलिए ठोक दिया गया था क्योंकि एक पुराना मामला राजनीतिक रूप से उनके लिए बड़ी मुश्किलों का सबब बन गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 12 जून 1975 को 6 साल के लिए पद से बेदखल कर दिया था और उनके सिर्फ प्रतिनिधि राज नारायण सिंह को चुनाव विजय घोषित कर दिया था।पार्टी देश में लोकतंत्र की दुहाई देकर आज जो पार्टी अपनी खोई जमीन वापस पाना चाहती है वो इस काले अध्याय को भूल जाती है जब विपक्ष के सारे नेता जेल में ठूंस दिए गए थे।प्रेस की आजादी पर बेन लगा दिया गया था। उन्होंने कहा कि देश उस आपातकाल के काले दिनों को कभी नही भूल सकता जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था। आपातकाल की बरसी हमे निरंकुश ताकतों के खिलाफ विद्रोह तथा तानाशाही भृष्टाचार और वंशवाद के विरुद्ध संग्राम का सबक और साहस देती है। हमें उसे राजनीतिक दल और उसे राजनीति परिवार से भी सावधान रहना होगा जो लोकतंत्र और संविधान के बारे में बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन उनका इतिहास सत्ता के सुख के लिए और एक परिवार के खातिर देश को जेल में तब्दील कर देने का है कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहन सिंह नेगी व संचालन विनोद भट्ट द्वारा किया गया।इस दौरान कार्यक्रम संयोजक सोनू फर्त्याल, हयात सिंह नेगी, आशु भगत, भुवन जोशी, प्रभा तिवारी, लता पांडे, नवीन नेगी,रमेश बिष्ट, जय किशन पपने, आदि अनेक लोग उपस्थित रहे।
भाजपा ने अल्मोड़ा में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने को मनाया काले दिवस के रूप में
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