अल्मोड़ा- एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पांच बार लगातार निर्वाचित पूर्व सचिव और वर्तमान में एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय चुनाव में प्रांतीय सचिव की दावेदारी कर रहे धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि वर्तमान में एक्ट की विसंगतियों सहित तमाम विसंगतियां हैं जिसका समाधान कराया जाना है जिसके लिए मोर्चा खोला जाएगा।धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि एक्ट में सुगम से दुर्गम व दुर्गम से सुगम स्थानांतरण को अनिवार्य स्थानांतरण के दायरे में रखा गया है लेकिन अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण को अनिवार्य स्थानांतरण से पूर्व रखा जा रहा है यह ग़लत है।अनिवार्य स्थानांतरण से पहले अनुरोध का स्थानांतरण किया जा रहा है।कोटि करण विसंगति बनी हुई है और कहीं पूरा जिला सुगम व कहीं आंशिक दुर्गम की स्थिति है।जबकि हर जनपद में 40 प्रतिशत दुर्गम और सुगम 60 प्रतिशत होना चाहिए ताकि जनपद से बाहर जाने की स्थिति से राहत मिल सके।सरकार द्वारा फारगो नियमावली में सख्ती की जा रही है और एक्ट को 15 फीसदी लागू किया जा रहा है यह संभव नहीं है।एक्ट को सौ फीसदी लागू होना चाहिए और विसंगतियों को दूर करते हुए स्थानांतरण में अनिवार्य रूप से काउंसलिंग कराने के लिए भी हर संभव कोशिश की जायेगी क्योंकि इसके अभाव में कार्मिकों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। फलित रिक्त पदों पर भी सदस्यों को लाभ मिलना चाहिए जो कि काउंसलिंग के द्वारा ही संभव है।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को आहरण वितरण अधिकार और प्रदान करने तथा समस्त डाकों के निस्तारण के लिए मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को पूर्ण अधिकार प्रदान करने, लोक सूचना अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करने सहित सभी मामलों में प्रभारी कार्यवाही की जायेगी। विभाग के अधिकारियों से हर दूसरे महीने वार्ता के लिए भी प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।हर समस्या के समाधान हो इसके लिए संगठन स्तर पर दो कार्यालय सचिव कुमाऊं मण्डल व गढ़वाल मंडल की भी नियुक्ति की जायेगी ताकि हर सदस्य की समस्या का समाधान हो सकें।वेतन लेवल 11 प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पर स्टाफिंग पैटर्न के तहत पदों की व्यवस्था की जायेगी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को रा इ कालेज में मान सम्मान मिले तो ठीक अन्यथा इन पदों को वहां रखने या नहीं रखने पर सभी जनपदों की रायशुमारी से निर्णय लिया जाएगा। मिनिस्ट्रीयल कैडर के पदों के साथ सम्मान जनक व्यवहार हो इस बात का ध्यान रखा जायेगा। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि मिनिस्टीरियल संवर्ग को शासन की रीढ़ माना जाता है लेकिन सम्मान नहीं दिया जाता।इस हेतु भी प्रभावी कार्यवाही होगी। सभी कार्मिकों को नियुक्ति के बाद अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। लंबे समय से लंबित मामलों के लिए भी मोर्चा खोला जाएगा। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि विभाग द्वारा दिनांक 2-7-2019 को प्रधान सहायक के पद पर पदोन्नति सूची जारी की लेकिन पिछले भर्ती वर्ष का लाभ नहीं मिला जबकि सदस्य पिछले वर्ष ही पदोन्नति के लिए अर्ह थे शासन व विभाग को हर हाल में पिछले भर्ती वर्ष का लाभ देना ही होगा।धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि प्रधान सहायक व प्रशासनिक अधिकारी को आमेलित करते हुए प्रशासनिक अधिकारी के लिए भी शासन को निर्णय लेना चाहिए।कार्यस्थल पर भी समुचित रूप से सभी उपकरणों की व्यवस्था जरुरी हो इसके लिए भी ठोस पैरवी की जायेगी। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 लागू होने के बाद से अब तक किसी भी कार्यालय में कोई भी पद सृजित नहीं किया जा रहा है इसके लिए भी कार्यवाही के लिए अनुरोध होगा निदेशालय अपर शिक्षा निदेशक कार्यालय कुमाऊं मण्डल व गढ़वाल मंडल व हर जिला मुख्यालय व ब्लाक मुख्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर नियुक्त के लिए भी शासन सरकार व सूचना आयोग को पत्र लिखा जायेगा।सेवा का अधिकार लागू है लेकिन कोई पद सृजित नहीं है इस के लिए भी अनुरोध रहेगा। तय सीमा के भीतर प्रकरणों के निस्तारण नहीं होने पर धरना प्रदर्शन आंदोलन व अनशन आमरण अनशन शुरू किया जायेगा।फारगो नियमावली की कठोरता को भी दूर करने के लिए पैरवी की जायेगी।पोर्टल पर सभी सदस्यों की अंकना सही हो इसके लिए भी लगातार समीक्षा होगी विगत कई वर्षो से देखा जा रहा है कि पोर्टल विसंगति के कारण सदस्यों को काउंसलिंग में वास्तविक स्थान पर जगह नहीं मिल रही है यह स्थिति ठीक नहीं है इसके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जायेगी सभी कार्यालयों के अधिकारियों से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जायेगा कि सभी कार्मिकों की पोर्टल जांच कर ली गई है और सही पाई गई विसंगति होने पर सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी और एक बार पदोन्नति से पूर्व भी पोर्टल जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी ताकि समस्या ही उत्पन्न न हो । सभी को एलर्ट रखा जायेगा। कार्यस्थल में भी कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्यालय समय का पूरा ख्याल रखा जायेगा और हर कार्मिक को प्रशिक्षण मिले इसका ध्यान रखा जायेगा। वित्त से संबंधित जानकारी के लिए समय समय पर वित्तीय प्रशिक्षण के लिए भी वरिष्ठ कोषाधिकारी व मुख्य कोषाधिकारी महोदय से अनुरोध किया जायेगा। सभी सदस्यों की समस्यायों को सुनने के लिए आफलाइन व वर्चुअल बैठक हर महीने हर जनपद में अनिवार्य रूप से आयोजित की जायेगी और समस्या का पंजीकरण होने पर उसके समाधान तय सीमा के अन्तर्गत किया जायेगा। जनपद की बैठक हर ब्लाक में हो और मंडल की बैठक हर जिले में हो और प्रांत की बैठकों को भी जनपद वार सम्पन्न किया जायेगा। किसी भी संगठन द्वारा मिनिस्टीरियल संवर्ग के प्रति नकारात्मक टिप्पणी पर मोर्चा खोला जाएगा और विधिक सहायता भी ली जायेगी।मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के प्रत्येक सदस्य के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहना ही मिशन होगा। वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण को भी अनिवार्य किया जायेगा। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि वे पैराशूट प्रत्याशी नहीं है पूर्व में जनपद अल्मोड़ा में अध्यक्ष व कुमाऊं मण्डल नैनीताल के लगातार पांच बार सचिव 2008-2023
रह चुके हैं और सदस्यों की समस्यायों के समाधान के लिए संघर्षरत रहे जो समस्या हल नहीं हुई उनके लिए संघर्षरत रहेंगे। फैडरेशन के कुमाऊं मण्डल अध्यक्ष व उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड के प्रांतीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए वर्ष 94 में तीन महीने तक हड़ताल पर रहे और क्रमिक अनशन भी किया। पदोन्नति में काउंसलिंग के लिए मंडलीय सचिव रहते कुमाऊं मण्डल के अन्य पदाधिकारियों व जनपद के पदाधिकारियों के साथ सात दिन तक आमरण अनशन पर रहे और अब भविष्य में दायित्व मिलने पर स्थानांतरण में काउंसलिंग नहीं होने पर संघर्ष किया जायेगा और शासन सरकार के नहीं मानते पर आंदोलन की कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन जायज मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। शिक्षा निदेशालय से पूर्व ही मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों की सूची जारी नहीं होने पर उन्होंने कुमाऊं मण्डल के सदस्यों के साथ शिक्षा निदेशालय में धरना प्रदर्शन आंदोलन किया जिसके बाद शिक्षा निदेशक श्रीमती सीमा जौनसारी द्वारा सूची जारी कराई गई और धरना प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारी का वेतन अवरूद्ध कराया। इसके बावजूद भी उन्होंने मंडलीय सचिव रहते कई कार्यों का निस्तारण जनपदों के सहयोग से किया। शिथिलीकरण के लिए भी मोर्चा खोला जाएगा क्योंकि बिना धरना प्रदर्शन के उत्तराखंड में सुनवाई नहीं होती। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद को पूर्ण अधिकार से लैस किया जायेगा। लोक सूचना अधिकार के तहत सभी कार्मिकों को भी अनिवार्य प्रशिक्षण देने के लिए भी मोर्चा खोला जाएगा और बिलों के कालातीत की अवधि को एक वर्ष के स्थान पर दो वर्ष करने के लिए भी मोर्चा खोला जाएगा ताकि कालातीत होने की नौबत ही न आए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए भी आंदोलन को और मजबूती दी जाएगी।उन्होंने सभी सदस्यों से प्रांतीय चुनाव में सहयोग की अपील की है।
एक्ट की विसंगतियों सहित सभी समस्यायों के समाधान के लिए होगा प्रयास- धीरेन्द्र कुमार पाठक
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