अल्मोड़ा-कर्नाटक खोला- रैला पाली – सरकार की आली को जोडते हुए विकास भवन तक लिंक मोटर मार्ग के निर्माण किये जाने के सम्बन्ध में पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषयक उनके द्वारा पूर्व प्रेषित विभिन्न ज्ञापनों/पत्रों को अवलोकन करने की बात कही है। श्री कर्नाटक ने कहा कि वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड की घोषणा में कर्नाटक खोला -रैला पाली – सरकार की आली को लोअर माल रोड से जोडने हेतु यह मोटर मार्ग स्वीकृत किया गया था जिसमें प्रान्तीय खण्ड अल्मोड़ा कार्यदायी संस्था बनाया गया है , साथ ही इस मोटर मार्ग का सर्वेक्षण किया जा चुका है तथा भूमि की जियोलॉजिस्ट की रिर्पोट के पश्चात् भारत सरकार द्वारा वन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया गया है।उक्त मार्ग में आने वाले वृक्षों की छपाई का कार्य तीन वर्ष पूर्व कर लिया गया किन्तु अभी तक नाप भूमि का मुआवजा वितरित नहीं किया गया है,जिस कारण सम्भवतः सड़क निर्माण की कोई कार्यवाही आज तक प्रारम्भ नहीं हो पाई है, जिस कारण स्थानीय नागरिकों में गहरा आक्रोश है।यह मोटर मार्ग लोअर माल रोड कर्नाटक खोला (राष्ट्रीय राजमार्ग) से रैला पाली (अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम) तथा सरकार की आली के निचले भाग को विकास भवन तक मिलाने का कार्य करेगी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग में आ रही जाम की समस्या से निजात मिलेगी और लोगों को लगातार जाम जैसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आप द्वारा मुख्यमंत्री घोषणाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जा रहा है, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री की उक्त घोषणा के अन्तर्गत सडक निर्माण का प्रस्ताव जो कई वर्षों से लम्बित है, शासन के उच्चाधिकारियों द्वारा आपके संज्ञान में नहीं लाया गया है और इस मार्ग निर्माण की कार्यवाही को शासन में दबा दिया गया है। श्री कर्नाटक ने कहा कि विधानसभा अल्मोडा के अन्तर्गत उक्त मार्ग की आवश्यकता अल्मोड़ा एवं उसके आस-पास के गांवों के लिये अति महत्वपूर्ण है जिसे देखते हुए पूर्व में इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। श्री कर्नाटक ने मांग की कि प्राथमिकता आधार पर उक्त सम्पर्क मार्ग/सड़क की पत्रावली जो शासन में लम्बित है की प्रगति की समीक्षा करते हुए भूमि स्वामियों को भूमि का मुआवजा वितरित करते हुए निर्माण कार्य हेतु तत्काल धनराशि अवमुक्त करें तथा इस प्रकरण को आपके संज्ञान में न लाये जाने एवं पत्रावली लम्बित रखने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय । उन्होंने कहा कि यदि एक माह के भीतर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है तो मुझे जन आक्रोश को देखते हुए मुख्य अभियन्ता कार्यालय में अनिश्चित कालीन धरना /प्रर्दशन/आमरण अनशन जैसी आन्दोलनात्मक कार्यवाही को बाध्य होना पड़ेगा ,जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन , प्रशासन /सम्बंधित विभाग की होगी।