अल्मोड़ा-सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिस कारण इस बार दशहरा महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के होने में संशय बना हुआ है।दशहरा समिति ने आज उप जिलाधिकारी से मिलकर उनके सामने ये बात रखी।दशहरा समिति के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को बताया कि पूर्व में स्थानीय स्टेडियम में दशहरा महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुतला दहन होता था। लेकिन करोड़ों रूपये खर्च करके सरकार के द्वारा स्टेडियम का कायाकल्प करवाया गया है ताकि युवा,खिलाड़ियों को खेलों में आगे बढ़ाया जा सके इसलिए स्टेडियम में अब इस तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जा सकते। उन्होंने कहा कि पूर्व में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जीआईसी मैदान में एमईएस से सड़क पहुंचाई जाएगी।अगर ये सड़क जीआईसी में पहुंच गयी होती तो जीआईसी के एक मैदान में पुतला दहन और एक मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते थे। लेकिन जीआईसी के मैदान तक सड़क पहुंचाने का मामला लगातार ठन्डे बस्ते में हैं।दशहरा समिति ने अवगत कराया कि इस बार पुतला दहन सोबन सिंह जीना परिसर के जन्तु विज्ञान विभाग में होगा। लेकिन संभवतः जगह के अभाव के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रम संचालित नहीं हो पायेंगे।सबने एक स्वर में मांग की कि जीआईसी मैदान तक सड़क पहुंचाने की कार्यवाही को अमली जामा पहनाया जाए ताकि अगले दशहरे में पुतला दहन और सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि जीआईसी मैदान में हो सके।सभी ने कहा कि अल्मोड़ा एक सांस्कृतिक नगरी है लेकिन सांस्कृतिक नगरी में ही यदि अल्मोड़ा के विश्वप्रसिद्ध दशहरे के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ही जगह उपलब्ध नहीं होगी तो कैसे हम अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा पायेंगे ये सोचनीय विषय है। उपजिलाधिकारी से मुलाकात करने वालों में दशहरा समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की, संयोजक किशनलाल,मनोज सनवाल,भाजपा नगर अध्यक्ष अमित साह मोनू, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सुशील साह,हरीश कनवाल,मनोज वर्मा,सचिव वैभव पाण्डेय, राजेंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष दीप जोशी आदि उपस्थित रहे।
विडम्बना- सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जगह नहीं
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