अल्मोड़ा- विकासखंड भैंसियाछाना के पीएमश्री जीजीआईसी की कक्षा 6 से 12 तक की 235 छात्राओं का एक दल आज शैक्षिक भ्रमण के लिए अल्मोड़ा स्थित मानसखंड विज्ञान केंद्र पहुंचा।इस केंद्र का उद्देश्य विद्यार्थियों में व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच,नवीनता और रचनात्मक चेतना का विकास करना है।यहां छात्राओं ने विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को खेल-खेल में समझा।केंद्र में कुल पांच गैलरी हैं। जिनमें फन साइंस,तारामंडल,नव प्रवर्तन केंद्र,जलवायु परिवर्तन और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़ी जानकारियां दी जा रही हैं।केंद्र में कार्यरत वैज्ञानिक नवीन चंद्र जोशी ने इन विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जिसे छात्राओं ने अपनी डायरी में भी नोट किया।इस दौरान छात्राओं को तारामंडल शो भी दिखाया गया जिसे उन्होंने बहुत पसंद किया।इसके अलावा ऊर्जा केंद्र, डीएनए संरचना,जादुई नल,जादुई कुआं,ऋतु परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर भी जानकारी दी गई।प्रधानाचार्य श्रीमती प्रीति पंत और विद्यालय की 12 शिक्षिकाओं की उपस्थिति में यह शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए एक मूल्यवान अनुभव साबित हुआ। प्रधानाचार्य प्रीति पंत ने बताया कि इस प्रकार के भ्रमण से छात्राओं में नेतृत्व कौशल विकसित होता है और वे अपने ज्ञान का व्यावहारिक उपयोग करना सीखती हैं।यह भ्रमण न केवल उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है,बल्कि समस्या समाधान और यादगार अनुभवों का भी अवसर प्रदान करता है।विदित हो कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में विज्ञान और पर्यटन को नई दिशा देने के लिए मानसखंड विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई है।यह पहल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद और उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से की गई है।यह विज्ञान केंद्र खासतौर पर उत्तराखंड के मानसखंड क्षेत्र के छात्रों,शिक्षकों और जनता में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, नवाचार और पर्यावरण संरक्षण की भावना को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।यहां केंद्र में जलवायु परिवर्तन और फन साइंस पर अत्याधुनिक इंटरैक्टिव गैलरी स्थापित की गई है।पारंपरिक चिकित्सा और खगोल विज्ञान से जुड़ी अनोखी प्रदर्शनी देखने को मिलेगी।
एक शानदार तारामंडल है जहां खगोल विज्ञान से जुड़ी रोमांचक जानकारी दी जाएगी।छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करने के लिए इनोवेशन हब तैयार किया गया है।
इसके अलावा, विज्ञान गतिविधियों, व्याख्यानों और सेमिनारों के लिए अत्याधुनिक सभागार भी मौजूद है। बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा के लिए एक साइंस पार्क भी बनाया गया है।इस विज्ञान केंद्र का मकसद केवल विज्ञान की शिक्षा देना ही नहीं है, बल्कि इसे और रोचक, व्यावहारिक और अनुभवात्मक बनाना है। यहां विभिन्न प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं, और विज्ञान शिविरों के माध्यम से छात्रों को नई-नई खोजों और रचनात्मकता के लिए प्रेरित किया जाएगा।इसके साथ ही, यह केंद्र सामुदायिक सहभागिता, कौशल विकास, और विज्ञान व प्रौद्योगिकी में कैरियर मार्गदर्शन प्रदान करेगा।यह छात्रों में विज्ञान,गणित और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि को बढ़ाएगा।
विज्ञान शिक्षा को रोचक और व्यावहारिक बनाएगा। नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता में भी अहम योगदान देगा। यह केंद्र विशेष रूप से उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में विज्ञान की रोशनी फैलाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का काम करेगा तो उत्तराखंड का यह विज्ञान केंद्र, जहां शिक्षा और मनोरंजन का अनोखा संगम देखने को मिलेगा, न केवल छात्रों बल्कि पूरे समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक नई दुनिया के दरवाजे खोल रहा है।विद्यालय की यह पहल भी काफी सराहनीय है क्योंकि दूरस्थ विद्यालय की छात्राओं का मानसखंड विज्ञान केंद्र में आकर जहां बौद्धिक स्तर का विकास हुआ वहीं छात्राओं ने विज्ञान से सम्बन्धित अनेक बातों को भी सीखा।
पीएमश्री राजकीय कन्या इंटर कालेज बाड़ेछीना की दो सौ पैंतीस छात्राओं ने मानसखंड विज्ञान केंद्र पहुंच ली विज्ञान की जानकारियां

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