अल्मोड़ा- आज मानसखण्ड विज्ञान केंद्र स्यालीधार अल्मोड़ा में पिथौरागढ़ जिले के लिए एक दिवसीय विज्ञान ज्योति हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।इस कार्यशाला में पिथौरागढ़ स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की 41 छात्राओं और 4 शिक्षिकाओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम वन्यजीव सप्ताह के तहत आयोजित किया गया था, जहां छात्रों को वन्यजीव संघर्ष और सहअस्तित्व पर महत्वपूर्ण जानकारी भी वन विभाग की टीम द्वारा दी गई।इस अवसर पर विज्ञान केंद्र के प्रभारी, डॉ. नवीन चन्द्र जोशी, ने कहा विज्ञान ज्योति कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यशालाओं से उन्हें न केवल वैज्ञानिक विधियों का व्यावहारिक ज्ञान मिलता है, बल्कि ये कार्यशालाएं उनके आत्मविश्वास और अनुसंधान क्षमताओं को भी बढ़ाती हैं, जिससे भविष्य में वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतर योगदान दे सकें।कार्यशाला के दौरान छात्राओं को कोडिंग और रोबोटिक्स, खाद्य मिलावट का परीक्षण, और विज्ञान के जादू पर आधारित दिलचस्प कार्यक्रम देखने का अवसर मिला, जिससे उनकी रुचि और ज्ञान में और भी वृद्धि हुई।प्रमुख अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा सिविल सोयम प्रदीप धौलाखण्डी ने अपने संबोधन में छात्राओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा छात्राओं का विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे कार्यक्रम उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें नए आयामों की खोज करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने वन्यजीव सहअस्तित्व पर भी जोर देते हुए कहा कि हमें वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों को सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, और यदि बच्चे जागरूक होंगे, तो समाज भी जागरूक होगा।विज्ञान ज्योति कार्यक्रम की समन्वयक, श्रीमती स्वाति तोमर, ने कहा, मानसखण्ड विज्ञानं केंद्र में विज्ञान ज्योति कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित के क्षेत्र में छात्राओं को सशक्त बनाना है। व्यावहारिक प्रशिक्षण और नवीनतम प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के माध्यम से हम छात्राओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अन्वेषण और उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उनकी जिज्ञासा को प्रोत्साहित करते हुए आत्मविश्वास का निर्माण कर रहे हैं, जिससे वे भविष्य में अपने संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकें।कार्यशाला के दौरान, बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य के वनक्षेत्राधिकारी ने वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के उपाय, विशेष रूप से वानर और गुलदार से बचाव के तरीकों पर जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को वन्यजीवों के व्यवहार के प्रति जागरूक किया। साथ ही, वन दरोगा नीरू गुप्ता ने छात्राओं से वन्यजीवों के प्रति उनके विचार साझा किए और बंदरों से बचने के उपाय बताए।इस कार्यशाला के सफल आयोजन में मानसखण्ड विज्ञानं केंद्र की टीम के सदस्यों,जिनमें प्रदीप तिवारी, मनीष पालिवाल, तमन्ना जोशी, भास्कर मिश्रा, संजय कनवल, उमेश कुमार, और पारस कुमार शामिल थे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।