अल्मोड़ा- अल्मोड़ा नगरपालिका में 25 ग्राम पंचायतों को शामिल किये जाने के के फैसले को वापस लिए जाने की मांग को लेकर आज प्रधान संगठन ने जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि सरकार द्वारा नगरपालिका अल्मोडा में गॉवों का परिसीमन कर नगर निगम बनाने हेतु आदेश हुए है जिसमें हवालबाग ब्लॉक के 25 ग्राम पंचायतों को बिना सर्वेक्षण के जबरन शामिल किया जा रहा है जिसका समस्त ग्रामीण व जनप्रतिनिधि विरोध करतें हैं।नगरपालिका में शामिल किये जाने से ग्रामीणों को कई परेशानियां होगीं।ग्राम सभाओं में 80 प्रतिशत बेरोजगारी है ग्रामीण मजदूरी पर जीवन यापन करने को मजबूर है, जो नगरपालिका के कर वहन करने में सक्षम नहीं हैं।गांवों में अधिकतर परिवार बी०पी०एल० अन्तोदय व मनरेगा जॉब कार्ड धारक है, जिनका जीवन यापन पशुपालन कृषि व मजदूरी पर निर्भर है।मनरेगा व पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत गांवों में विकास किये जा रहे हैं, जिससे गरीब जनता को लाभान्वित किया जा रहा है,नगरपालिका में शामिल होने से मनरेगा जैसी रोजगार परक योजना से ग्रामीणों को वंचित रहना पडेगा।कई ग्राम सभाओं में वन पंचायतों कि भूमि है,जिससे जानवरों के लिए चारा व लकडियों का इस्तेमाल किया जाता हैं, इससे भी हमें वंचित रहना पडेगा।ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से समस्त जनप्रतिनिधियों और समस्त ग्राम सभाओं के ग्रामीणों की ओर से निवेदन किया गया कि इस परिसीमन को तत्काल रोका जाए जिससे समस्त ग्रामीण पालिका के अन्तर्गत आने वाले करों से मुक्त रह सके।कहा गया कि अगर जल्द से जल्द गामसभाओं को नगरपालिका में सम्मिलित करने से नही हटाया गया तो सभी ग्रामपंचायतों के ग्रामीण दिनांक 5 अगस्त को चौघानपाटा में धरना देगें व इसके बाद भी ग्रामीणों की मागें नही मानी गई तो सभी ग्राम वासी दिनांक 12 अगस्त को विशाल जुलूस निकालेगें,जिसमें कोई भी अप्रिय घटना घटती हैं तो सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।ज्ञापन सौंपने वालों में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी,पूर्व ग्राम प्रधान हरीश कनवाल,आनन्द कनवाल,प्रधान देवेंद्र सिंह बिष्ट,प्रधान राजेंद्र सिंह, प्रधान किशन सिंह बिष्ट,प्रधान पिंकी बिष्ट,प्रधान राधा देवी,विपिन बिष्ट, ममता रावत सहित दर्जनों ग्राम प्रधान शामिल रहे।