अल्मोड़ा-सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया गया।स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट, पूर्व कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी, पूर्व कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार जोशी, परीक्षा नियंत्रक डॉ मुकेश सामंत, वित्त अधिकारी अमित कुमार त्रिपाठी, प्रो0 देव सिंह पोखरिया की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत हुई।डॉ चन्द्र प्रकाश फुलोरिया ने संचालन किया।पूर्व आचार्य प्रो देव सिंह पोखरिया ने विश्वविद्यालय के स्थापना के दौरान की स्थितियों पर वप्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों का सामना करते हुए यह विश्वविद्यालय अब अपने स्वरूप को ग्रहण कर रहा है। उन्होंने स्थापना दिवस पर सभी को बधाई दी।
विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के समय की समस्याओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। और कहा कि सभी को मिलकर विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए प्रयास करना चाहिए। साथ ही उन्होंने स्थापना दिवस पर सभी को बधाइयाँ दी।पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो0 सुशील कुमार जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की नींव को मजबूत बनाने में संविदा शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मियों का योगदान बहुत है। स्थापना काल से यहां के शिक्षक, कर्मचारीगण नींव मजबूत कर रहे हैं, जिनके भविष्य को लेकर सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने स्थापना दिवस की बधाइयाँ दी।पूर्व कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि सभी मिलकर विश्वविद्यालय के हित में कार्य करें। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान की समस्याओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने स्वरूप को ग्रहण कर लिया है। अपने कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के समय मुझे सभी का सहयोग मिला है जिसका प्रतिफल है कि यह विश्वविद्यालय आज आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट के प्रयासों की सराहना की।उन्होंने अपेक्षा जताई कि वे अपने अकादेमिक अनुभवों के आधार पर इस विश्वविद्यालय को आगे ले जाएं। उन्होंने सम्मान देने के लिए बधाइयाँ दी।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक हमने कई चुनौतियों का सामना करते हुए कई उपलब्धियों को प्राप्त किया है। हम अपने अग्रजों के सहयोग से इस विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्ववविद्यालय के सभी शिक्षकों, कार्मिकों के साथ संविदा शिक्षक एवं संविदा कर्मचारियों के बल पर विश्वविद्यालय आगे बढ़ने लगा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों एवं कार्मिकों के पदों के सृजन के लिए प्रक्रिया शासन स्तर पर गतिमान है। संरचनात्मक स्वरूप में भी सकारात्मक दिशा में प्रयास हो रहे हैं।सकारात्मक सोच के साथ हम विश्वविद्यालय को ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि महामना मदनमोहन मालवीय जी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को बनाने के लिए जो प्रयास किये,उसके बल पर वह विश्वविद्यालय आगे बढ़ा है। ठीक ऐसे ही सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल महोदय का संदेश का प्रसारण किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी, द्वितीय कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट , पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार जोशी और प्रो0 देव सिंह पोखरिया को दिशा देने और महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया।इस अवसर पर डॉ. मुकेश सामंत (परीक्षा नियंत्रक), श्रीमती संजना भंडारी,देवेंद्र पोखरिया, प्रकाश सती,त्रिलोक बिष्ट,आनंद बिष्ट,विपिन चंद्र जोशी,राजेन्द्र राणा, गोविंद मेर,विनीत कांडपाल, ईश्वर बिष्ट,आलोक वर्मा, राकेश साह, हेमा डसीला,दीवान फत्र्याल,गोविंद रावत, पवन रावल, रवींद्र बिष्ट, हेमा डसीला, नेहा पांडे, कुंदन, रंजीत सिराड़ी आदि उपस्थित रहे।विदित हो कि दिनांक 22 सितंबर 2023 को प्रो० सतपाल सिंह बिष्ट ने कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कार्यभार ग्रहण के उपरांत विश्वविद्यालय की गतिविधियों एवं उपलब्धियों को बढ़ाए के लिए निरन्तर प्रयास किये।देश के महत्वपूर्ण शोध संस्थानों के बीच में ओ यू कराया गया।
आई सी ए आर भीमताल के साथ शोध आदि गतिविधियों के लिए।सीएसओ ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के साथ अकादेमिक सहयोग एवं गुणवत्तापरक शोध के लिए।आई सी ए आर विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के बीच वैज्ञानिक शोध और शैक्षिक सहयोग हेतु,गोबिंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान,कोसी कटारमल के बीच शोध एवं अकादेमिक सहयोग हेतु,अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के साथ शोध आदि गतिविधियों के लिए वार्ता की गयी।
जूलोजिकल सर्वे आफ इण्डिया और रूस के साथ वैज्ञानिक शोध और शैक्षिक सहयोग के लिए एम ओ यू की प्रक्रिया गतिमान है।विश्वविद्यालय में शोध अध्ययन केंद्रों की स्थापना की गयी। स्वामी विवेकानंद महात्मा गांधी आध्यात्मिक पर्यटन परिपथ अध्ययन केंद्र की स्थापना की गयी। देवभूमि उद्यमिता केंद्र का संचालन किया गया।
अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद (नेपाल अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली) के सहयोग से विश्वविद्यालय में ‘मानसखंड केंद्र’ की स्थापना प्रस्तावित है।विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा सुधार कैंपेन का संचालन कर परीक्षा संबंधी मामलों का निस्तारण किया गया।दिनांक 1 से 20 दिसंबर 2023 तक 22 महाविद्यालयों के 3500 केस सॉल्व किए गए।विश्वविद्यालय द्वारा कला संकाय की फैकल्टी बोर्ड की बैठक हो चुकी है।
शिक्षकों के लंबित सी ए एस प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।कार्मियों के पदोन्नति संबंधित विषयों पर प्रक्रिया पूर्ण की गयी।विश्वविद्यालय से संबद्ध परिसरों में रिक्त हुए शिक्षकों को अतिथि व्याख्याताओं से भर लिया गया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संरचना, शैक्षणिक व्यवस्थाओं में सुधार कर लिया गया है।आगे भी इस दिशा में कार्य होंगे।विश्वविद्यालय में एन०सी०सी० के छात्रों को सेना में भविष्य बनाने के लिए सूटिंग रेंज, एसएसबी का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था के लिए पहल प्रारंभ की गयी।एन०सी०सी० का पाठ्यक्रम निर्माण कर लिया गया है एवं इलेक्टिव पाठ्यक्रम के रूप में इस पाठ्यक्रम का संचालन होगा।खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अंतरमहाविद्यालयी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।विश्वविद्यालय में शोध गतिविधियों के उन्नयन के लिए शोध समिति और शोध सलाहकार समिति का गठन करने के उपरांत बैठक आयोजित कर शोध को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट एवं परीक्षा पोर्टल में सुधार कर छात्रों को प्लेसमेंट आदि का लाभ देने के लिए विभिन्न संस्थानों के लिंकों का संयोजन किया गया।परीक्षा कार्यों में सावधानियां बरतने एवं आवश्यक सुधार के साथ-साथ परीक्षा कार्यों में सुचिता,गोपनीयता एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखने को निर्देर्शित किया गया।यूजीसी श के संयुक्त सचिव से विश्वविद्यालय के यू०जी०सी० संबंधी कार्यों को पूर्ण करने के लिए बैठक कर वार्ता।विश्वविद्यालय की खेल समिति की बैठक का आयोजन किया गया। शैक्षिक परिषद की बैठक का आयोजन कर निर्णयों का अनुमोदन एवं आमागी माह में वित्त समिति एवं कार्य परिषद की बैठकों का आयोजन प्रस्तावित है।विश्वविद्यालय से संबद्ध परिसरों की कक्षाओं में अत्याधुनिक इट्रेक्टिव बोर्ड लगाकर अध्यापन कार्य प्रारंभ किया गया।परिसर में विद्युत व्यवस्थाओं की पूर्ति के लिए सोलर लाईटों की व्यवस्था की गयी।परिसर के विभागों को सूचित करते हुए पटों का निर्माण किया गया।गत दस माह में 9 राष्ट्रीय सेमिनार, 4 अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, 4 कार्यशालाओं, 3 संगोष्ठियों के आयोजन के साथ नशामुक्ति,मतदाता जागरूकता,विधिक साक्षरता से जुड़े कार्यक्रमों का संचालन किया गया। कंप्यूटर विज्ञान की प्रयोगशाला का पूर्ण रूप से आधुनिकीकरण किया गया।इसके साथ ही कुलपति प्रो० सतपाल सिंह बिष्ट द्वारा विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर के विभिन्न विभागों,कार्यालयों,केंद्रों के साथ संबद्ध महाविद्यालयों का औचक भ्रमण किया जा रहा है एवं शिक्षण कार्य आदि में आ रही समस्याओं का निदान किया जा रहा है।साथ ही कुलपति आवास एवं प्रशासनिक भवन के निर्माण का कार्य जारी है जिसके लिए 25 करोड़ 22 लाख की स्वीकृति है तथा 38 फीसदी कार्य पूर्ण है।चंपावत परिसर में महिला छात्रावास एवं आई०टी० लैब का निर्माण कार्य गतिमान है जिसके लिए 718 42 लाख रूपए स्वीकृत है तथा 15 फीसदी कार्य पूर्ण है।बागेश्वर में छात्रावास एवं आई टी० लैब के 643.57 लाख रूपए से निर्माण कार्य किये। पिथौरागढ़ परिसर में बॉयज हॉस्ट ब्लॉक एवं कंप्यूटर लैब निर्माण के लिए 58327130. 00 स्वीकृत हैं तथा 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण है।विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के आंतरिक सडक निर्माण एवं बाउंड्री वॉल के लिए 50 लाख प्रथम किस्त के रूप में स्वीकृत हैं।परिसर के आंतरिक सड़क नेटवर्क मार्ग के क्षतिग्रस्त भाग में इन्टरलॉकिंग टाईल्स आदि के लिए 71.74 लाख की वित्तीय स्वीकृति ली।
महिला छात्रावास,सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा के निर्माण कार्य में तेजी लायी गयी।प्रशासनिक भवन को जोडे वाले संपर्क मार्ग का निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है। कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने मनाया स्थापना दिवस, महामहिम ने भी दी कुलपति को शुभकामनाएं
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